जांच एजेंसियां सित निद्रा में.!!
चंद्रपुर/यवतमाल/वणी
विषश प्रतिनिधि
पुरी खबर :- आज चंद्रपुर जिले में कोयले की कालाबाजारी का काला कारोबार कोई न ई बात नही है. "कल तेरी बारी तो आज मेरी बारी'' यह हम क्या बताना चाहते है? यह प्रश्न आपके मन में आया होगा. यह आपके समझ के परे हो पर, बस यही हम आपको समझना चाहते है. क्योंकि प्रसासन को समझने की अवस्नथा में नहीं है और जनता समझना नही चाहती.!?
बस यही तो खेल है और जिले के कोयला माफियाओ की बल्ले बल्ले...
बतादे चंद्रपुर जिले के घुग्घुस और बल्लारपुर की कोयला खान GOCM और निलजई OCM से मध्य प्रदेश के जिन्दल पावर का 20-20 हजार टन कोयला वणी की संगीता सेल्स को रोड मार्ग से रेलवे साइडिंग पहुंचाने का काम मिला है. हमारे सुत्रो द्वारा पता चला है कि संगीता सेल्स के यह कोयले के वाहनों को सीधे रेलवे साईडिग ना लेजाकर वणी के अपने डेपो पर वाहनों में भरा अच्छा कोयला खाली किया जाता हैं, और फिर डेपो पर पहले से मौजूद मिट्टी, Black Sand, चार फाइन्स, स्टिल प्लांट का वेस्ट मटेरियल मिला कोयला जिन्दल पावर को पहुंचाने वाली रेलवे वैगीनो में भरा जाता है. वही बेड मटेरियल मिले खराब कोयले को मध्य प्रदेश के जिन्दल पावर को भेजा जा रहा है?
कोयला खानों से लाया गया अच्छा कोयला खुले बाजार में ऊंचे दामों में बेचकर हजारों करोड़ों की ठगी का मामला सामने दिखाई पड़ रहा है.
वही हमारे संवाददाता द्वारा कुछ दिन पुर्व रिकार्ड किया गया संगीता सेल्स का डेपो जो चंद्रपुर के तडाली साइडिंग के पास है. वहा पर पहले से जमा मौजूद मिट्टी, Black Sand, चार फाइन्स, स्टिल प्लांट का वेस्ट मटेरियल मिला हजारों टन कोयला वणी की रेलवे साइडिंग पर पहुंचाया जा चुका है. यहां पर पहले से जमा किया गया बेड मटेरियल मिश्रित कोयले को मौका देख वणी के रेलवे साइडिंग में खपा दिया गया है?
यह पुरा मामला प्रकाश में आने के बाद जांच एजेंसियां यदि सक्रिय होते हैं तो इस पुरे प्रकरण में चंद्रपुर और वणी के देनदार और लेनदार व्यापारियों पर जांच एजेंसियों की गाज गिरने की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिसमें मुख्य किरदार में संगीता सेल्स के मालिक (owner) मामा को बड़ी जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ सकता है.
आने वाले भागों में पुरे मामले का विवरण आपको पड़ने और देखने को मिल सकता है.
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